RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन घोटाले की जांच लगातार चल रही है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की यह पड़ताल अब रायपुर के अलावा भी कई दूसरे जिलों में भी शुरू हो गई है। इस बीच, इस मामले में ईडी की टीम ने तीन दिन की पूछताछ के बाद तीन खनिज अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, धमतरी, कवर्धा और बलरामपुर के खनिज अधिकारियों के पास से जो दस्तावेज जब्त किए गए हैं, उसमें करोड़ों रुपए के हेरफेर का मामला सामने आया है। इसके बाद ही तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
दस्तावेज में मिले पैसों के हेरफेर को लेकर ईडी ने धमतरी के जिला सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा, बलरामपुर में सहायक खनिज अधिकारी अवधेश बारिक और कवर्धा में जिला खनिज अधिकारी संदीप नायक को गिरफ्तार किया है। तीनों को आज कोर्ट में पेश किया।
कोल परिवहन मामले में 5 आरोपी जेल में हैं बंद
इससे पहले छत्तीसगढ़ के खनिज परिवहन घोटाले की जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने तीन जिले धमतरी, कवर्धा और बलरामपुर में एक साथ जांच शुरू की। ईडी की टीम तीनों जिले के खनिज कार्यालय पहुंची और अधिकारियों से पूछताछ की। खनिज परिवहन घोटाले में आईएएस समीर बिश्नोई, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत पांच आरोपी रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं।
रेत खदान टेंडर की प्रक्रिया के दौरान ईडी ने मारा छापा
ईडी के तीन अधिकारी 21 नवंबर सोमवार सुबह 11 बजे धमतरी के कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। टीम ने जिला सहायक खनिज अधिकारी बजरंग पैकरा, खनिज निरीक्षक खिलावन कुलार्य और नगर सैनिक मनोहर सिन्हा से पूछताछ की। ईडी की टीम उस समय पहुंची जब धमतरी के दर्री और दोनर रेत खदान के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी। ईडी के अधिकारियों ने खनिज विभाग के तीनों अधिकारियों से बंद कमरे में पूछताछ की। ईडी की पूछताछ सुबह 11 बजे से शुरू हुई, जो शाम सात बजे तक जारी थी। उल्लेखनीय है कि सात सितंबर 2022 को सहायक खनिज अधिकारी बजरंग सिंह पैकरा के रायगढ़ आवास से आईटी की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे।